भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने अब सांस्कृतिक मोर्चे पर भी असर दिखाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (PBA) ने अपने एफएम रेडियो स्टेशनों पर भारतीय गानों और कंटेंट के प्रसारण पर पूरी तरह रोक लगाने का फैसला किया है। यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत कई पाकिस्तानी टीवी चैनलों को ब्लॉक कर दिया है।
भारत ने हाल ही में हुए आतंकी हमलों को लेकर पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भारत का कहना है कि इन हमलों में शामिल आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की जमीन से मदद मिल रही है। इसी के विरोध में भारत ने यह डिजिटल कार्रवाई की। जवाब में पाकिस्तान ने सांस्कृतिक बहिष्कार की राह अपनाते हुए भारतीय संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया है।
PBA का कहना है कि यह फैसला भारत के कदमों के विरोध में एक सांस्कृतिक प्रतिक्रिया है। सभी एफएम चैनलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे तत्काल प्रभाव से भारतीय गानों और अन्य भारतीय सामग्री का प्रसारण बंद करें।
विश्लेषण: क्या टूट जाएगी सांस्कृतिक डोर?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के सांस्कृतिक प्रतिबंध लंबे समय से चली आ रही आपसी समझ और लोगों के बीच बने भावनात्मक जुड़ाव को नुकसान पहुंचा सकते हैं। संगीत और कला हमेशा से दोनों देशों के नागरिकों को जोड़ने का माध्यम रहे हैं। लेकिन अब जब कूटनीतिक रास्ते बंद हो रहे हैं, तो यह सांस्कृतिक पुल भी कमजोर होता नजर आ रहा है।
वर्तमान हालात में भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद की संभावनाएं लगभग शून्य हो चुकी हैं और तनाव का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
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