भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस विधायकों ने ‘करोड़पति कॉन्स्टेबल’ मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर अनोखा प्रदर्शन किया। विधायक काले एप्रन पहनकर और प्रतीकात्मक सोने की ईंटें लेकर सदन पहुंचे। इन एप्रनों पर हड्डियों के ढांचे बने थे, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध को दर्शाते थे। कांग्रेस विधायकों ने ‘सोने की ईंट किसकी है, जांच कराओ’ के नारे लगाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की।
बजट चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार से उपमुख्यमंत्री पद की संवैधानिकता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार पहले यह स्पष्ट करे कि उपमुख्यमंत्री का पद संविधान में मान्य है या नहीं। सिंघार ने पूछा कि जब संविधान में उपमुख्यमंत्री पद का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, तो राज्य में दो उपमुख्यमंत्री किस अधिकार से नियुक्त किए गए हैं और वे लाल बत्ती वाली गाड़ी में किस हैसियत से घूम रहे हैं।
इस दौरान भाजपा विधायक भूपेंद्र सिंह ने उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी मां और पत्नी पर आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में केस दर्ज हैं। उन्होंने उपनेता प्रतिपक्ष के पद को अवैधानिक बताते हुए सवाल उठाया कि जब विधानसभा नियमों में इसका कोई उल्लेख नहीं है, तो कटारे किस आधार पर इस पद का उपयोग कर रहे हैं। इस पर उमंग सिंघार ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा केवल असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है।
कांग्रेस ने पहले ही इस बजट सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई थी। इसमें ‘करोड़पति कॉन्स्टेबल’ मामला, बढ़ता भ्रष्टाचार, अधूरे वादे और बढ़ते कर्ज जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाने का निर्णय लिया गया था। सत्र के पहले दिन राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के बाद 12 मार्च को बजट पेश किया गया। अब आगे यह देखना होगा कि कांग्रेस के हमलों के जवाब में सरकार क्या रुख अपनाती है।
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