भोपाल में राष्ट्रीय मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट महाधिवेशन संपन्न, स्वास्थ्य सेवा में कौशल विकास पर जोर

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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्टों का तृतीय राष्ट्रीय महाधिवेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण आयोजन का नेतृत्व MLTWA-MP (मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन-मध्य प्रदेश) ने किया। कार्यक्रम का मुख्य विषय “स्वास्थ्य सेवा में कौशल विकासः भारत के आत्मनिर्भर दृष्टिकोण का एक स्तंभ” रहा, जिसमें देशभर से आए विशेषज्ञों और टेक्नोलॉजिस्टों ने भाग लिया।

इस महाधिवेशन में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, तमिलनाडु, हरियाणा, दिल्ली सहित कई राज्यों के प्रतिनिधिमंडलों ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई। आयोजन में देशभर से आए चिकित्सा प्रयोगशाला विशेषज्ञों ने विभिन्न नई तकनीकों और शोध पत्रों को प्रस्तुत किया, जिससे प्रतिभागियों को अत्याधुनिक प्रयोगशाला विधियों की जानकारी मिली।

स्वास्थ्य मंत्री ने दिया बेरोजगारी दूर करने का आश्वासन

MLTWA-MP के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कुमार वर्मा ने जानकारी दी कि इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही, विशिष्ट अतिथि श्री शेलोस जोशी (एलाइड हेल्थ पैरामेडिकल काउंसिल) और श्री मिहिर (आरोग्य भारतीय राष्ट्रीय सदस्य) ने भी इस आयोजन की शोभा बढ़ाई।

कार्यक्रम के दौरान टेक्नोलॉजिस्टों ने भारत सरकार के 2018 के राज्य पत्र को लागू करने की मांग रखी, ताकि प्रदेश में बेरोजगार मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्टों को रोजगार के नए अवसर मिल सकें। इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्री पटेल ने भरोसा दिलाया कि सरकार हरसंभव प्रयास करेगी ताकि प्रदेश का कोई भी टेक्नोलॉजिस्ट बेरोजगार न रहे।

वैज्ञानिक शोध और नई तकनीकों पर हुआ विचार-विमर्श

महाधिवेशन की साइंटिफिक एवं एकेडमिक कमेटी की अध्यक्ष डॉ. शादमा सिद्दीकी और MLTWA के प्रदेश महासचिव श्री कमलेश राठौर ने बताया कि इस सम्मेलन में देशभर के शोधकर्ताओं ने “स्किल मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी” विषय पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। इससे प्रतिभागियों को उन्नत तकनीकों और प्रयोगशाला विधियों की विस्तृत जानकारी मिली।

डॉ. शादमा सिद्दीकी ने अपने संबोधन में कहा,
“मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी स्वास्थ्य सेवा का एक अभिन्न अंग है। यह रोगों की शीघ्र और सटीक पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आधुनिक नैदानिक प्रक्रियाएँ जैसे कि बायोमॉलिक्यूलर टेस्टिंग, PCR (पॉलिमरेज़ चेन रिएक्शन) और इम्यूनोहिस्टोकेमिस्ट्री रोगों के निदान को अधिक संवेदनशील और विशिष्ट बना रही हैं। अगर टेक्नोलॉजिस्टों को नवीनतम शोध और तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाए, तो यह स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को भी साकार करेगा।”

देशभर के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्टों की रही सक्रिय भागीदारी

महाधिवेशन में प्रदेश और देशभर से शिक्षकगण, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट और विद्यार्थी बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस आयोजन को सफल बनाने में MLTWA के पदाधिकारी पवन कुमार वर्मा, दीपक शर्मा, मोहन सनोडिया, जगदीश दांगी, दीपक श्रीवास्तव, राकेश अहिरवार, दिनेश मालवीय, दीपक जाटव, आशीष बारोडे का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

इसके अलावा, JFMLT इंडिया के राष्ट्रीय प्रेसिडेंट श्री मनोज कुमार यादव और राष्ट्रीय महासचिव संतोष कुमार यादव ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया और टेक्नोलॉजिस्टों के हितों को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

इस महाधिवेशन में न केवल मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कौशल विकास पर चर्चा हुई, बल्कि नवीन प्रयोगशाला तकनीकों, रोजगार के अवसरों और सरकार की नीतियों पर भी गहन मंथन हुआ। इस तरह, यह आयोजन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।


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