लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित लोकबंधु अस्पताल में सोमवार रात एक भीषण अग्निकांड हुआ, जिसने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। रात करीब 9:25 बजे अचानक अस्पताल के एक हिस्से में आग लग गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। हादसे में आईसीयू में भर्ती 61 वर्षीय मरीज राजकुमार प्रजापति की मौत हो गई, जबकि 26 वर्षीय महिला मरीज कांति की हालत गंभीर बनी हुई है और उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
आग का कारण क्या था?
लोकबंधु अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। जिस समय यह हादसा हुआ, उस समय डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती का अवसर था और अधिकांश प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल में मौजूद नहीं थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग लगने के बाद अस्पताल का ऑन ड्यूटी स्टाफ और डॉक्टर घटनास्थल से भाग गए, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को खुद ही जान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ा।
मरीजों को कैसे बचाया गया?
जिस फ्लोर पर आग लगी, वहां आईसीयू, एचडीयू और महिला मेडिसिन वार्ड स्थित हैं। उस समय वहां करीब 40 से 50 मरीज भर्ती थे। आग लगते ही मरीजों के परिजनों ने बिना अपनी जान की परवाह किए मरीजों को पीठ पर उठाकर अस्पताल से बाहर निकाला। इस बीच फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और शीशे तोड़कर अस्पताल के अंदर घुसी। सीढ़ियों और क्रेन की मदद से अस्पताल में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
डिप्टी सीएम ने दी जानकारी
घटना के बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, डीएम विशाख अय्यर, मंडलायुक्त रोशन जैकब और पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह सेंगर तत्काल अस्पताल पहुंचे। उपमुख्यमंत्री ने बताया, “ग्राउंड फ्लोर पर धुआं दिखाई दिया था, जिसके बाद डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ ने मरीजों को तत्काल शिफ्ट करना शुरू किया। करीब 200 मरीजों को अस्पताल से निकालकर विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। दो से तीन गंभीर मरीजों को KGMU के आईसीयू में शिफ्ट किया गया है।”
मुख्यमंत्री ने ली घटना की जानकारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से फोन पर जानकारी ली और घायल मरीजों से मिलने के लिए सिविल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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