मध्य प्रदेश की मंत्री प्रतिमा बागरी पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र का आरोप, कांग्रेस बोली – ‘SC वर्ग की नहीं हैं’, मंत्री ने कहा कांग्रेस नेता पर करूंगी मानहानि..

Spread the love

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। अनुसूचित जाति कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने आरोप लगाया है कि प्रतिमा बागरी ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा और अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीट से विधायक बनकर मंत्री पद हासिल किया। कांग्रेस ने इसे संविधान द्वारा प्रदत्त सामाजिक न्याय के अधिकारों का हनन बताया है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, मंत्री प्रतिमा बागरी ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कांग्रेस नेता प्रदीप अहिरवार को मानहानि का नोटिस भेजने की बात कही है।

क्या है मामला?

मध्य प्रदेश के सतना जिले की रैगांव विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है। कांग्रेस का आरोप है कि प्रतिमा बागरी ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए चुनाव लड़ा और अनुसूचित जाति वर्ग का लाभ उठाकर मंत्री बनीं। कांग्रेस नेता प्रदीप अहिरवार ने कहा कि बागरी उपनाम वाले लोग बुंदेलखंड, महाकौशल और विंध्य क्षेत्रों में राजपूत (ठाकुर) समुदाय से आते हैं और अनुसूचित जाति की श्रेणी में नहीं आते। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि 1961 की जाति जनगणना और 2003 व 2007 के सरकारी आदेशों में स्पष्ट किया गया था कि राजपूत बागरी समाज के लोग अनुसूचित जाति का लाभ नहीं ले सकते, तो फिर प्रतिमा बागरी के परिवार को जाति प्रमाण पत्र कैसे जारी किया गया?

कांग्रेस का आरोप:

  1. 1961 और 1971 की जनगणना में राजपूत बागरी समुदाय को SC वर्ग का नहीं माना गया था।
  2. 2003 में मध्य प्रदेश सरकार ने आदेश दिया था कि बुंदेलखंड, महाकौशल और विंध्य क्षेत्र के राजपूत बागरी समुदाय को अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जारी न किया जाए।
  3. 2007 में केंद्र सरकार ने भी स्पष्ट किया कि राजपूत बागरी (ठाकुर) अनुसूचित जाति में शामिल नहीं हैं।
  4. इसके बावजूद, प्रशासनिक मिलीभगत से प्रतिमा बागरी को एससी प्रमाण पत्र जारी किया गया और आरक्षित श्रेणी का लाभ उठाया गया।

मंत्री प्रतिमा बागरी का जवाब

प्रतिमा बागरी ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उनका जन्म अनुसूचित जाति वर्ग में हुआ है और उनके पास सही जाति प्रमाण पत्र मौजूद है। उन्होंने कहा कि राजनीति में सक्रिय होने और मंत्री बनने के बाद कांग्रेस नेताओं को आपत्ति हो रही है। उन्होंने दावा किया कि वह अनुसूचित जाति से ही आती हैं और उनके दादा और पिता भी इसी समुदाय से रहे हैं।

उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह प्रदीप अहिरवार को मानहानि का नोटिस भेजेंगी।

 

कांग्रेस का जवाब: ‘मंत्री में हिम्मत नहीं, जाति प्रमाण पत्र फर्जी है’

कांग्रेस नेता प्रदीप अहिरवार ने मंत्री के दावों को खारिज करते हुए कहा कि प्रतिमा बागरी का जाति प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी है और उनके पास इसे साबित करने के पर्याप्त दस्तावेज मौजूद हैं।

उन्होंने कहा कि “अगर मंत्री में हिम्मत है, तो वह निष्पक्ष जांच कराएं। उनका प्रमाण पत्र फर्जी निकलेगा। हमने सरकार को इस मामले की जांच करने के लिए पत्र लिखा है। अगर निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो हम इसे अदालत में चुनौती देंगे।”

जाति समानता का लाभ उठाकर हक छीनने का आरोप

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जाति नाम समानता का गलत फायदा उठाया गया। उदाहरण के लिए—

  • ‘बागरी’ उपनाम अनुसूचित जाति (SC) और ठाकुर (सामान्य वर्ग) दोनों में पाया जाता है, लेकिन राजपूत बागरी अनुसूचित जाति में नहीं आते।
  • इसी तरह, ‘कुशवाहा’ उपनाम माली (पिछड़ा वर्ग) और ठाकुर (सामान्य वर्ग) दोनों में पाया जाता है।
  • कई अन्य जातियों में भी यह समानता है, लेकिन यह आरक्षण नीति का दुरुपयोग करने का आधार नहीं बन सकती।

अनुसूचित जाति समाज के अवसर छीने गए

कांग्रेस ने इसे अनुसूचित जाति के हकदारों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है।

अनुसूचित जाति कांग्रेस का दावा:

  • फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए SC समाज के नेताओं के अवसर छीने गए।
  • सामाजिक न्याय और समानता की नीति का उल्लंघन हुआ।
  • SC वर्ग के वास्तविक हकदारों को प्रतिनिधित्व से वंचित किया गया।

प्रदीप अहिरवार ने कहा कि “अगर सरकार इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कराती, तो हम इसे उच्च न्यायालय तक लेकर जाएंगे और सड़क से संसद तक आंदोलन करेंगे।”

क्या सरकार कराएगी जांच?

मध्य प्रदेश सरकार की ओर से इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जांच नहीं कराती, तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।

अब देखने वाली बात होगी कि क्या सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई करती है या नहीं। फिलहाल, इस मुद्दे पर सियासत गर्म हो गई है और यह मामला आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है।

 

Madhya Pradesh minister Pratima Bagri accused of fake caste certificate, Congress said – ‘She is not from SC category’, minister said I will file defamation case against Congress leader..


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *