भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का सोमवार को पांचवां दिन होगा। तीन दिन के अवकाश के बाद विधानसभा की कार्यवाही फिर शुरू होगी, जिसमें प्रश्नकाल, बजट चर्चा और विभिन्न विधेयकों पर विचार-विमर्श होगा। विपक्ष इंदौर और मऊंगज की हालिया घटनाओं को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
बजट पर चर्चा और विधेयकों पर होगी बहस
आज विधानसभा में 2025-26 के बजट पर चर्चा होगी। इसके अलावा, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा मध्य प्रदेश विनियोग विधेयक 2025 को पुनः प्रस्तुत करेंगे और इस पर सदन में विचार होगा। वहीं, 2024-25 के द्वितीय अनुपूरक अनुमान की मांगों पर भी मतदान कराया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय शहर एवं ग्राम निवेश संशोधन विधेयक 2025 को फिर से पेश करेंगे, जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश से जुड़ी नई योजनाओं पर प्रभाव पड़ सकता है।
सदस्य उठाएंगे जनता से जुड़े मुद्दे
आज विधानसभा में 62 याचिकाएं और दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी पेश किए जाएंगे। जबलपुर से कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया, टिमरी गांव में हुई हत्याओं का मामला उठाकर मुख्यमंत्री मोहन यादव का ध्यान आकर्षित करेंगे। वहीं, भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा, फंदा में स्वीकृत महाविद्यालय के भवन निर्माण में देरी का मुद्दा उठाएंगे और इस पर उच्च शिक्षा मंत्री से जवाब मांगेंगे।
इंदौर और मऊंगज की घटनाओं पर घमासान
विधानसभा में आज विपक्ष सरकार को इंदौर और मऊंगज की घटनाओं को लेकर घेर सकता है। इंदौर में हाल ही में हुई हिंसक घटना और मऊंगज में सामने आए विवाद पर कांग्रेस सरकार से जवाब मांगेगी। विपक्ष का कहना है कि इन घटनाओं ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री और मंत्रियों की ‘छावा’ फिल्म स्क्रीनिंग
इसी बीच, मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य सोमवार शाम 7 बजे संभाजी महाराज पर बनी फिल्म ‘छावा’ की विशेष स्क्रीनिंग में शामिल होंगे। यह स्क्रीनिंग अशोका लेक व्यू होटल के ओपन थिएटर में होगी, जहां कैबिनेट मंत्री और विधायक भी मौजूद रहेंगे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव पहले ही इस फिल्म को मध्य प्रदेश में कर-मुक्त करने की घोषणा कर चुके हैं। यह फिल्म 14 फरवरी को रिलीज हुई थी और अब तक भारत में 550 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर चुकी है।
नजरें विपक्ष के तेवरों पर
बजट सत्र के इस चरण में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की संभावना है। जहां सरकार अपने नीतिगत फैसलों का बचाव करेगी, वहीं विपक्ष कानून व्यवस्था और विकास कार्यों में देरी जैसे मुद्दों को लेकर हमलावर रहेगा। अब देखना होगा कि इस बहस से क्या अहम फैसले निकलते हैं।
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