लखनऊ। रहीमाबाद रेलवे स्टेशन पर मंगलवार रात एक बड़ी रेल दुर्घटना होता होते बची । रात करीब 2 बजे काशी-विश्वनाथ ट्रेन के ड्राइवर ने ट्रैक पर एक लकड़ी का टुकड़ा देखा और तुरंत स्टेशन मास्टर को सूचना दी। मास्टर ने मौके पर तैनात पॉइंटमैन किशनलाल और एक RPF जवान को जांच के लिए भेजा। RPF जवान पहुंच वहां देखा कि ट्रैक के बीचोंबीच लगभग 4 फीट लंबी लकड़ी रखी गई थी, जिसे आम के पत्तों और रामनामी गमछे से ढका गया था। पास में ही 10 फीट लंबा बांस भी मिला, जिस पर लाल झंडा बंधा था।
एक बड़ी घटना का शिकार होते बची गरीब रथ ट्रेन
इस घटना के 5 मिनट बाद गरीब रथ ट्रेन उसी ट्रैक से गुजरने वाली थी। अगर समय रहते कार्रवाई न होती, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था जिसमें सैकड़ों जानें जा सकती थीं। ट्रेन को तुरंत अगले स्टेशन मलीहाबाद पर रोका गया।
जांच के दौरान मिले सबूत
घटनास्थल पूरी तरह सुनसान था, जहां न तो कोई रास्ता है और न ही कोई श्मशान घाट जिससे रामनामी वहां पहुंच सकती। इससे साफ होता है कि यह एक सोची-समझी साजिश थी। पुलिस ने आसपास के बाग और खेतों में काम कर रहे लोगों से पूछताछ की, लेकिन किसी को घटना की जानकारी नहीं थी।
इससे पहले भी कई बार कि गई थी साजिश
गौरतलब है कि यह एक महीने में तीसरी बार है जब इसी ट्रैक पर ट्रेन पलटाने की कोशिश की गई है। 24 मार्च को लोहे का पाइप और अप्रैल के पहले सप्ताह में लकड़ी का टुकड़ा ट्रैक पर मिला था। रेलवे और सुरक्षा एजेंसियां मामले की गंभीरता से जांच कर रही हैं।
ग्रामीणों, कामगारों से पुलिस कर रही पूछताछ
घटना के बाद पुलिस, RPF और इंटेलिजेंस की टीमें छानबीन में जुटी हैं। बताया जा रहा है कि चार लोगों को हिरासत में लिया है। ग्रामीणों और रेलवे कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। खेतों और आम के बगीचों में काम करने वालों से भी पूछताछ की है। पुलिस इस पूरे वाकये को एक बड़ी साजिश मानकर जांच में जुटी हुई है। घटनास्थल के पास पुलिस को भी तैनात किया गया है।
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