ममता हुई शर्मसार: बेटे ने की मां की नृशंस हत्या, शव के अंगों को बनाया भोजन

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मुंबई। महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के शाहूपुरी थाना क्षेत्र में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। ताराराणी चौक स्थित माकड़वाला बस्ती में एक बेटे ने अपनी ही मां की नृशंस हत्या कर उसके शव के अंगों को पकाकर खा लिया। यह वारदात न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए एक झकझोर देने वाली घटना बन गई है।

क्या है मामला

28 अगस्त 2017 की दोपहर करीब 2:30 बजे शाहूपुरी थाना क्षेत्र में पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक ने अपनी मां की हत्या कर दी है। मौके पर पहुंची पुलिस को घर के भीतर एक महिला का क्षत-विक्षत शव मिला, जिसकी पहचान यल्लवा रामा कुचकोरवी (उम्र लगभग 60 वर्ष) के रूप में की गई। पास ही बैठा उसका बेटा सुनील कुचकोरवी (उम्र लगभग 35 वर्ष) पुलिस को देखकर भागने की कोशिश कर रहा था, जिसे तत्काल हिरासत में ले लिया गया।

स्थानीय लोगों के मुताबिक सुनील पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से अस्थिर था और अक्सर शराब के नशे में झगड़ा करता रहता था। आरोपी की पत्नी लक्ष्मी ने भी बताया कि सुनील नशे का आदी है और कई बार घर में हिंसा करता रहा है।

हत्या के बाद शव से किया ऐसा घिनौना कृत्य

पुलिस जांच में जो तथ्य सामने आए, वे और भी अधिक भयावह थे। प्रारंभिक जांच के अनुसार, हत्या के बाद सुनील ने अपनी मां के शरीर के कुछ हिस्सों को काटकर पकाया और उसे खाया। पुलिस ने घर से कुछ हड्डियां, खून से सने कपड़े और चाकू बरामद किए हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

पूछताछ के दौरान सुनील ने पहले यह कहा कि उसने बिल्ली को मारा था, लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की गई तो वह बार-बार बयान बदलता रहा। पुलिस का कहना है कि आरोपी की मानसिक स्थिति का परीक्षण भी कराया जाएगा।


पुलिस की कार्रवाई

  • आरोपी सुनील कुचकोरवी को गिरफ्तार कर हत्या और शव के साथ छेड़छाड़ की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
  • आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
  • घटना की विस्तृत जांच के लिए फॉरेंसिक टीम को लगाया गया है।
  • आरोपी की मानसिक स्थिति की जांच के लिए मनोचिकित्सक की मदद ली जा रही है।

कानूनी धाराएं

भारतीय दंड संहिता (IPC) की प्रमुख धाराएं:


परिवार पर टूटा दुःख का पहाड़

हत्या के बाद सुनील की पत्नी लक्ष्मी और उसके छोटे-छोटे बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अब पूरे परिवार की जिम्मेदारी लक्ष्मी पर आ गई है, जो स्वयं एक घरेलू महिला है और आय का कोई स्थायी साधन नहीं रखती।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि लक्ष्मी और बच्चों को सुरक्षा दी जाए और उनकी आर्थिक मदद की जाए।


समाज के लिए चेतावनी

यह घटना न केवल रिश्तों की मर्यादा को तोड़ती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और नशे की लत को लेकर समाज की अनदेखी पर भी सवाल खड़े करती है। यदि समय रहते सुनील का इलाज कराया गया होता या परिवार को पर्याप्त सामाजिक सहायता मिलती, तो शायद यह वीभत्स कांड टल सकता था।

 


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