रायसेन। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में आदिवासी महिलाओं ने अवैध शराब के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बड़ा कदम उठाया। सुल्तानपुर तहसील के कटक और जामनझिरी गांव की 50-60 महिलाओं ने मिलकर अवैध शराब के ठिकानों पर छापा मारा और जब्त की गई शराब को नदी में बहा दिया। महिलाओं का कहना है कि प्रशासन जब तक ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
गांव के वरिष्ठ लोगों और समाज के प्रमुखों ने बैठक कर यह फैसला लिया कि अवैध शराब के खिलाफ खुद कार्रवाई करनी होगी। गांव में लंबे समय से शराब का कारोबार चल रहा था, जिससे पुरुषों की लत बढ़ रही थी और घरेलू हिंसा के मामले सामने आ रहे थे। इस स्थिति से तंग आकर महिलाओं ने शराब बंदी का आंदोलन शुरू किया।
महिलाओं का यह अभियान दिनभर चला। उन्होंने गांव में घूमकर शराब बेचने वाले स्थानों को चिन्हित किया और वहां से शराब जब्त कर ली। इसके बाद सभी महिलाएं पुल पर पहुंचीं और पूरी शराब नदी में बहा दी। इस दौरान पुलिस को भी बुलाया गया, लेकिन महिलाओं ने शांतिपूर्वक अपना विरोध जारी रखा।
महिलाओं का कहना है कि अवैध शराब के कारण उनके परिवारों पर बुरा असर पड़ रहा है। पुरुष शराब के नशे में घर आते हैं, झगड़ा करते हैं और हिंसा बढ़ रही है। बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है और पूरे गांव का माहौल खराब हो चुका है। महिलाओं ने प्रशासन से मांग की कि इस अवैध कारोबार को तुरंत बंद किया जाए।
इस घटना के बाद सुल्तानपुर तहसील के कई अन्य गांवों की महिलाओं में भी जागरूकता आई है। मंगलवार को अमरई बेहरा, भील टोला, कमका, कोडरी टोला और अन्य गांवों की महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगी।
महिलाओं के इस साहसिक कदम के बाद अब प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि अवैध शराब के कारोबार पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। हालांकि, महिलाओं का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे अपनी लड़ाई को और तेज करेंगी।
Raisen: Tribal women fight against illegal liquor, destroy seized liquor
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